क्रीमिया को रूस में शामिल करने के बाद पुतिन के हौसले बुलंद हैं। कल शाम रुसी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास क्रेमलिन में बुलाई गई सुरक्षा अधिकारियों की बैठक में पुतिन का एक अलग ही रूप देखने को मिला। सामान्यतः अपने कड़क मिज़ाज के लिए पहचाने जाने वाले पुतिन आज बहुत भावुक थे। कमरे में लगी हुई ज़ार पीटर महान की फोटो को निहारते हुए कहा कि अगर आज पीटर जी जीवित होते तो कितने खुश और गर्वान्वित होते। हमने उनकी मेहनत से बनाए गये रूसी साम्राज्य को फिर से जोड़ने की तरफ पहला कदम बढ़ाया है। निकिता ख्रुसचेव ने क्रीमिया को यूक्रेन को देकर बहुत बड़ी ग़लती की थी, आज हमने उस ग़लती को सुधार लिया है। किसी अधिकारी ने कहा, "लेकिन सर आपने रूसी लोगों के हितों वाला दाँव बहुत मस्त चला था।" पुतिन ने हल्की मुस्कराहट के साथ स्वीकार किया। अधिकारियों से मुखातिब होते हुए कहा कि अब हमारा अगला लक्ष्य अलास्का है। हमारे पूर्वजों ने इसे अमेरिका को औने पौने दाम पर बेच कर जो ग़लती की है, उसको भी सुधारना पड़ेगा। इस बार हम अलास्का चीन को बाज़ार भाव पर देंगे।
इधर संयुक्त राज्य अमेरिका दादागिरी में रूस से पिछड़ने पर बहुत शर्मिंदा है। राष्ट्रपति ओबामा ने जर्मन चांसलर मर्कल को फोन करके कहा कि अब आप ही पुतिन से बात कीजिये और रूस को समझाइये। ओबमा के स्टाफ ने पूर्व में ना जाने कितनी बार की गई दादागिरी का उदाहरण दिया मसलन विएतनाम, इराक़, अफ़ग़ानिस्तान, लीबिया इत्यादि इत्यादि लेकिन ओबामा इस बार पिछड़ने पर अब तक सदमे से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। ओबामा ने आदेश दिया कि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत को बुलाया जाए। दूत हाज़िर हुआ। दूत से कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में क़ानून पारित करवाया जाए कि जनमत संग्रह दादागिरी का उचित आधार नहीं है और आज के बाद से किसी भी दादागिरी पर उचित अनुचित का अंतिम फ़ैसला अमेरिका का ही रहेगा। जब राजदूत ने कहा कि इस प्रस्ताव को रूस वीटो कर देगा तो ओबामा ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की धमकी दी। अर्जेंटीना ने ऐसे किसी प्रस्ताव की भनक लगते ही कहा कि क्रीमिया और फाल्कन द्वीप समूह के लिए अलग अलग मानक क्यूँ। आखिर फाल्कन द्वीप समूह पर कब्ज़ा करने का अधिकार भी तो एक जनमत संग्रह के द्वारा ही सही ठहराया गया था। जवाब में ओबामा ने अर्जेंटीना की राष्ट्रपति (या राष्ट्रपत्नी ) किर्चनेर से कहा, "आपके पास एटम बम है?"
किर्चनेर ने कहा, "नहीं।"
ओबामा ने कहा , "सख्त आर्थिक प्रतिबन्ध झेलने लायक अर्थव्यवस्था है?"
किर्चनेर ने कहा, "नहीं।"
ओबामा ने कहा, "तो जाइये, हम आपकी बात नहीं सुनेंगे।"
यूक्रेन के सत्तापलट करने वाले राष्ट्रपति अपने सलाहकारों के बीच बैठे रुसी वोडका के शॉट पे शॉट लगा रहे हैं। साथ ही सबको चेताया भी रुसी वोडका वाली बात बाहर नहीं जानी चाहिए। अबसे जनता को जैक डेनियल और क्राउन रॉयल व्हिस्की के साथ अन्य पश्चिमी पेयों के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा। किसी ने शराब के नशे में अपने दिल की बात कह दी, "सर, चुनाव जीत कर राष्ट्रपति बनना ज्यादा मुश्किल होता। अच्छा किया जो विरोध प्रदर्शन के जरिये ही राष्ट्रपति बन बैठे। वैसे आपने सोचा है कि अगर दो महीने बाद चुनावों में जीत नहीं मिली तो क्या किया जायेगा?" राष्ट्रपति ने हँसते हुए कहा ,"तो हम रूस पर हस्तक्षेप का आरोप लगाकर दोबारा विरोध प्रदर्शन शुरू कर देंगे। आखिर इजिप्ट में भी तो प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने चुनी हुई सरकार बदल के दिखा दिया है कि ऐसा करना सम्भव है। इस बारे में अमेरिका और यूरोपीय यूनियन से बात हो गई है और उन्होंने पूरे समर्थन का वादा किया है।"
इस बीच अपने देश में जनमत संग्रह के आधार पर देश बदलने की नयी अर्जियां आयी हैं। नेपाल ने दार्जीलिंग में नेपाली भाषा बोलने वाले लोगों को दोबारा सहायता का भरोसा दिलाया है। फिजी और मॉरिशस की भोजपुरी भाषी जनता ने जनमत संग्रह की मांग की है और कहा है कि उस जनमत संग्रह के आधार पर भारत में उनके विलय का फैसला होना चाहिए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर जोर शोर से बोलते हुए कहा है कि केंद्र सरकार को वहाँ के लोगों की सहायता करनी चाहिये। विलय में देरी के लिए हमेशा की तरह केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि हमारी सरकार बनेगी तो हम सौ दिन के अंदर उन देशों को भारत का भाग बना देंगे। इधर इस मुद्दे पर खुद को नीतीश से पिछड़ता हुआ देखकर लालू ने भोजपुरी भाषी लोगों के लिए समर्थन जुटाने के उद्देश्य से अगले रविवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में महा रैला की घोषणा की है।