प्रणयोन्माद का रंग जानते हो अदीब?
आसमान से गिरा हुआ एक रंग
जो लहरों पर फैलता है
फिर छा जाता है
आँखों से जिसे ग्रहण करते हैं हम
खो जाता है कहीं हमारे अंदर
और बेचैन होकर
ढूँढ़ने लगते हैं
एक दूसरे की आँखों में वह रंग,
या पत्तियों के हिलने से
पेड़ों से गिरते हुये रंग के छोटे-छोटे कण
जो एक क्षण में ही
प्रकृति को जिन्दा करके
सामने खड़ा कर देते हैं
जहाँ से उपमायें ढूँढ़ी जा सकें,
या यह भी पूछना चाहिये
कि कोई रंग होता भी है क्या?
नाम देने से पहले
यह जान लेना चाहये
कि नाम दिया भी जा सकता है या नहीं
जिस क्षण तर्क करने की क्षमता क्षीण हो जाती है
यह ज्ञात हो जाता है
दूसरी हर एक बात से ऊपर
एक बात पुख्ता हो गई है
जब कोई रंग नहीं दिखता है
उस समय,
रंग की परिभाषा गढ़ सकोगे क्या अदीब?
(वैसे धर्मवीर भारती जी ने प्रणयोन्माद का रंग नीला माना है।)
आसमान से गिरा हुआ एक रंग
जो लहरों पर फैलता है
फिर छा जाता है
आँखों से जिसे ग्रहण करते हैं हम
खो जाता है कहीं हमारे अंदर
और बेचैन होकर
ढूँढ़ने लगते हैं
एक दूसरे की आँखों में वह रंग,
या पत्तियों के हिलने से
पेड़ों से गिरते हुये रंग के छोटे-छोटे कण
जो एक क्षण में ही
प्रकृति को जिन्दा करके
सामने खड़ा कर देते हैं
जहाँ से उपमायें ढूँढ़ी जा सकें,
या यह भी पूछना चाहिये
कि कोई रंग होता भी है क्या?
नाम देने से पहले
यह जान लेना चाहये
कि नाम दिया भी जा सकता है या नहीं
जिस क्षण तर्क करने की क्षमता क्षीण हो जाती है
यह ज्ञात हो जाता है
दूसरी हर एक बात से ऊपर
एक बात पुख्ता हो गई है
जब कोई रंग नहीं दिखता है
उस समय,
रंग की परिभाषा गढ़ सकोगे क्या अदीब?
(वैसे धर्मवीर भारती जी ने प्रणयोन्माद का रंग नीला माना है।)