1.
समुद्री लहर का एक टुकड़ा
तट से कुछ दूर नाचता था
एक ऐसी धुन में
जिसे तट पर अकेले बैठकर ही सुना जा सकता था
और गिरता उठता था अपनी ही जगह पर,

सूरज की एक किरण
कई क्षण पहले चली थी अपने स्रोत से
और अपना ध्येय निश्चित कर लिया था,
अंतरिक्ष के किसी कोने से चलकर
उसे मिलना है किसी से,

एक क्षण भर के लिये बस
वो लहर और किरण मिले थे
और चमक उठा था
स्पेस और टाइम का वह कोना
अगले क्षण सब कुछ था
लेकिन ऐसा बहुत कुछ था
जो कि नहीं था।


2.
गरम लाल सूरज
डूबता है समुद्र में
और करता है संघर्ष जाने के पहले
लेकिन गहरी उच्छ्वास छोड़कर बुझ जाता है,

संघर्ष के अवशेष में बची हैं चिंगारियाँ,
कुछ चिंगारियाँ तारों के रूप में
आसमान में टँगी हैं
और कुछ चिंगारियाँ तैरती हैं समुद्र में
मछुआरों के लैम्प में।


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